प्रवीण कुमार
अन्नदाता किसानों की आय में वृद्धि के साथ ही किसी आपदा में उन्हे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी योगी सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में बाढ़ की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए योगी सरकार ने अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जारी की गई है। यह धनराशि क्षतिग्रस्त फसलों को मुआवजा देने के लिए जिलों की डिमांड पर जारी की गई है। वहीं अब तक सवा लाख से अधिक किसानों को उनकी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 71 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा दिया जा चुका है। इसमें सबसे अधिक लखीमपुर खीरी के 70 हजार से अधिक किसानों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगातार क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे किया जा रहा है, ताकि किसानों को समय से मुआवजा दिया जा सके। नेपाल और पहाड़ी क्षेत्रों से छोड़े गये पानी से प्रदेश के 18 जिलों की 82126.50 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई। वहीं सर्वे के दौरान वास्तविक क्षतिग्रस्त फसल 29,243.74 हेक्टेयर पायी गयी। बता दें कि सरकार की ओर से बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त 33 प्रतिशत से अधिक फसल के नुकसान पर ही मुआवजा दिया जाता है। बाढ़ से 1,57,444 किसानों की फसल प्रभावित हुई जबकि लेखपाल द्वारा अब तक 1,56,952 किसानों को सहायता धनराशि देने के लिए पोर्टल पर फीड किया जा चुका है। इसके सापेक्ष अब तक 1,25,521 किसानों को 71.01 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चका है। वहीं बचे हुए किसानों की फीडिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। सबसे अधिक लखीमपुर के 88546 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। इसके सापेक्ष भुगतान के लिए अब तक 88544 किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है। वहीं 70,691 किसानों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह सिद्धार्थनगर 19805 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है जबकि 15478 किसानों को 7.70 करोड़ का भुगतान किया जा चुकी है। वहीं हरदोई के 18010 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है जबकि 14673 किसानों को 5.42 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है।
दरअसल, सरकार की ओर से किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दे दिया जाता है, लेकिन किसानों द्वारा लोन के बकाये समेत अन्य बकाये की वजह से मुआवजे की धनराशि खाते में पहुंचते ही लेस हो जाती है। इससे किसानों को यह नहीं पता चल पाता कि उन्हे क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा मिला है या नहीं। इसे पता करने के लिए वह तहसील के चक्कर लगाते हैं। ऐसी परिस्थिति न हो इसके लिए योगी सरकार ने तहसील पर क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा प्राप्त करने वाले किसानों की लिस्ट चस्पा करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही तहसील में एक निश्चित दिन जिन-जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है उनके नाम एनाउंस किये जाएंगे। वहीं सरकार की ओर से ऐसे किसानों की भी लिस्ट एनाउंस की जाएगी, जिन्हे मुआवजा नहीं दिया गया। इस दौरान मुआवजा न देने की वजह भी बताई जाएगी।
*बाढ़ में बहा सपनों का आशियाना तो 3 करोड़ रुपये से सीएम योगी ने पोछे आंसू*
एक इंसान के लिए उसका घर केवल दीवारें नहीं, बल्कि सुख-दुख का साक्षी होता है, जहां वह परिवार के साथ बिताए लम्हों और यादों को अपने दिल में संजो कर रखता है। इंसान का घर ही ऐसा होता है, जो उसे हर एक खट्टे-मीठे पलों की याद दिलाता रहता है। वहीं जब बाढ़ का पानी उसके सपनों के आशियाना को बहा ले जाता है तो वह सिर्फ दीवारों को ही नहीं बल्कि उसकी खुशियां, आशाएं, महत्वाकांक्षाएं और भविष्य के सुनहरे सपनों को भी अपने साथ बहा ले जाता है। इससे वह इंसान कभी उबर नहीं पाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंसान के इस दुख को बखूबी जानते और समझते हैं। यही वजह है कि सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ में अपना घर गंवाने वाले गरीबों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि वह फिर से अपने सपनों के आशियाने को खड़ा कर सकें। इसी के तहत 30 दिन में प्रदेश के दो हजार से अधिक आशियाना गंवाने वाले गरीबों के आंसुओं को पोछने के लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की जा चुकी है।
*बाढ़ के पानी से सबसे अधिक पीलीभीत में 867 मकान हुए क्षतिग्रस्त*
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बाढ़ पीड़ितों को युद्धस्तर पर सहायता पहुंचायी जा रही है। वहीं सहायता धनराशि को 24 घंटे के अंदर पीड़ितों के खातों में क्रेडिट किया जा रहा है। इसी के तहत याेगी सरकार बाढ़ की चपेट में आने से अपना घर गंवाने वालों की मदद को आगे आयी है। सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ की चपेट में आने से अपना आशियाना गंवाने वाले 14 जिलों के 2316 पीड़ितों के सापेक्ष 2309 लोगों के खातों में 3,37,19,000 रुपये की धनराशि जारी की गयी है। वहीं 7 पीड़ितों को सहायता धनराशि जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें सबसे अधिक पीलीभीत में 867 मकान क्षतिग्रस्त हुए। योगी सरकार सभी को 42,58,000 रुपये की सहायता धनराशि जारी कर चुकी है। इसके बाद लखीमपुर खीरी में 593 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके सापेक्ष अब तक 588 क्षतिग्रस्त मकान के पीड़ितों को 80,77,500 रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है।
बाढ़ से 14 जिलों के 138 पक्के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। इसके सापेक्ष अब तक 135 क्षतिग्रस्त मकान के पीड़ितों को एक लाख 20 हजार प्रति क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 1,62,00,000 रुपये की धनराशि जारी की गयी है। इसी तरह 14 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के पीड़ितों को एक लाख 20 हजार प्रति क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 49,20,000 रुपये का मुआवजा दिया गया है। इसके अलावा 126 आंशिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के पीड़ितों को 6,500 रुपये प्रति आंशिक क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 8,19,000 रुपये का मुआवजा दिया गया है। वहीं 964 आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के पीड़ितों को 4 हजार रुपये प्रति आंशिक क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 38,56,000 रुपये का मुआवजा दिया गया। इतना ही नहीं बाढ़ की चपेट में नष्ट 962 झोपड़ियों के सापेक्ष 959 पीड़ितों को 8 हजार प्रति नष्ट झोपड़ी के हिसाब से 76,72,000 रुपये की आर्थिक सहायता की गयी है। इसके अलावा बाढ़ से क्षतिग्रस्त 85 पशुबाड़े के सापेक्ष 84 क्षतिग्रस्त पशुबाड़े के पीड़ितों को तीन हजार प्रति क्षतिग्रस्त पशुबाड़े के हिसाब से 2,52,000 रुपये की सहायता धनराशि जारी की गयी है।