अमित आनंद
झारखंड में अगले तीन-चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने शिवराज सिंह को प्रभारी बनाया है, जबकि हिमंता बिस्वा सरमा को सह प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है। दोनों ही नेताओं के जल्द ही झारखंड के पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने की उम्मीद है।
झारखंड समेत देश के चार राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी ने इन चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने अपने प्रमुख नेताओं को चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारी बनाया है। आगामी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने एक केंद्रीय मंत्री और एक मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी सौंपी हैं। झारखंड में चुनाव की कमान शिवराज सिंह संभालेंगे। उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी रहेंगे।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर पार्टी महासचिव अरुण सिंह ने झारखंड समेत अन्य राज्यों के प्रभारियों और सह प्रभारियों की सूची जारी की। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रभारी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को सह प्रभारी बनाया गया है। शिवराज सिंह चौहान की पहचान एक लोकप्रिय नेता के रूप में हैं, वहीं हिमंता बिस्वा सरमा की पहचान पार्टी के अंदर फायरब्राण्ड नेता के रूप में होती है। दोनों ही नेताओं की गिनती बीजेपी के अंदर सफल राजनेताओं में होती है। शिवराज सिंह चौहान ने तमाम विपरीत परिस्थितियों में मध्य प्रदेश में बीजेपी को सत्ता में वापस लाने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में बीजेपी को बड़ी जीत दिलाने में सफलता हासिल की।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान के बारे में कहा जाता है कि वे पार्टी के अंदर सभी को साथ में लेकर चलने पर विश्वास करते हैं। वहीं हिमंता बिस्वा सरमा का बांग्लादेशी घुसपैठ और अन्य मुद्दों पर आक्रमक तेवर रहा है। दोनों नेताओं की भूमिका अब बीजेपी उम्मीदवारों के चयन में महत्वपूर्ण होगी। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच तालमेल नहीं हो पाया था। जिसका नुकसान दोनों ही दलों को उठाना पड़ा था। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा। इसके बावजूद बीजेपी को झारखंड में नुकसान उठाना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 14 में से 11 और आजसू पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 8 और आजसू पार्टी को एक सीट मिली। चुनाव परिणाम के बाद पीएम मोदी कैबिनेट में आजसू पार्टी को स्थान नहीं मिला। जिसके कारण आजसू पार्टी सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई है। ऐसे में अब आजसू पार्टी को साथ रखना बीजेपी के लिए चुनौती होगी। यदि 2019 की तरह आजसू पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लेती है, तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
लोकसभा चुनाव 2024 में गिरिडीह, रांची, धनबाद और हजारीबाग क्षेत्र में झारखंड भाषा खतियानी संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के नेता जयराम महतो मजबूत होकर उभरे हैं। जयराम महतो ने खुद गिरिडीह सीट से चुनाव लड़ कर एनडीए प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी को कड़ी टक्कर दी। जबकि उनकी पार्टी के देवेंद्र नाथ महतो ने रांची और संजय मेहता ने हजारीबाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफलता हासिल की। कई विधानसभा क्षेत्रों में जेबीकेएसएस के उम्मीदवार पहले स्थान पर रहे, जबकि कई सीटों पर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। ऐसे में कुर्मी-महतो वोट को साधने के लिए शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा जेबीकेएसएस प्रमुख जयराम महतो से संपर्क कर सकते हैं। जयराम महतो की पार्टी का वोट आधार वही है, जो आजसू पार्टी का है। ऐसे में जयराम महतो और सुदेश महतो के बीच समन्वय बनाना भी आसान नहीं होगा।