जनजीवन ब्यूरो / रोहतक : हरियाणा के मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद गुरुवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। वह भारतीय जनता पार्टी से टिकट ना मिलने पर नाराज थे। अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने पार्टी की सदस्यता भी छोड़ दी है।
सिरसा जिले के रानिया निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक रंजीत सिंह चौटाला ने 5 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हरियाणा में की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान है और 8 अक्टूबर को काउंटिंग है।
रणजीत सिंह चौटाला बोले- निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा रणजीत सिंह चौटाला ने कहा, “मैं रानिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा। यह मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का फैसला है। मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
रंजीत सिंह ने कहा, ”भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन मैं वहां से नहीं लड़ना चाहता। मैं इसी समय पार्टी छोड़ रहा हूं। 90% तय है कि रानियां विधानसभा से निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा। आगामी 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर भाजपा को अपनी ताकत का एहसास करवाऊंगा”
रंजीत चौटाला ने रानिया सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन भाजपा ने शीशपाल कंबोज को मैदान में उतारा। रंजीत चौटाला इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव से पहले निर्दलीय विधायक के तौर पर इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने हिसार संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस के जय प्रकाश से हार गए थे। हालांकि रंजीत चौटाला बिजली मंत्री के पद पर बने रहे क्योंकि नियम यह कहते हैं कि कोई भी राजनेता संबंधित राज्य की विधानसभा का सदस्य बने बिना छह महीने तक मंत्री रह सकता है।
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल के बेटे रंजीत चौटाला ने कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर नजरअंदाज किए जाने के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
भाजपा ने हरियाणा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा से और अनिल विज को उनके गढ़ अंबाला कैंट से मैदान में उतारा गया है। करनाल, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में सैनी कर रहे हैं, वो सीट वरिष्ठ नेता जगमोहन आनंद को दिया गया है। जगमोहन आनंद को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। भाजपा के 41 विधायकों में से आधे से अधिक को फिर से टिकट दिया गया है। जबकि पहली सूची में आठ महिलाओं के नाम भी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती और वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से मैदान में उतारा गया है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव अटेली से चुनाव लड़ेंगी।