जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने आम आदमी को बड़ा झटका दे दिया है। कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली के सीमापुरी से विधायक राजेंद्र पाल गौतम कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
आम आदमी पार्टी के सीमापुरी से मौजूदा विधायक एंव पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम हुए कांग्रेस में शामिल।
सीमापुरी से विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने आम आदमी पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट साझा कर लिखा कि सामाजिक न्याय व सभी क्षेत्रों में बहुजन समाज की हिस्सेदारी तथा भागेदारी के संघर्ष को गतिमान करने के लिए मैं आम आदमी पार्टी के सभी पदों व सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं ! जय भीम !
सामाजिक न्याय व सभी क्षेत्रों में बहुजन समाज की हिस्सेदारी तथा भागेदारी के संघर्ष को गतिमान करने के लिए मैं आम आदमी पार्टी के सभी पदों व सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ !
इस्तीफा देने पर क्या बोले नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता
कांग्रेस में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के शामिल होने पर भी दिल्ली में भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर हमला बोलते हुए कहा कि शिक्षा के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह किया है। सरकारी खजाने से 1000 करोड़ की लूट हुई है। दिल्ली सरकार की शिक्षा की सभी योजनाएं फ्लॉप हुई हैं।
हरियाणा में कांग्रेस-आप गठबंधन पर आज लग सकती है मुहर
इस बैठक में ही तय होगा कि गठबंधन होगा या नहीं, अगर होगा तो कितनी और कौन सी सीटों पर यह समझौता होगा। राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के बाद ही सूची जारी होगी। हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि अभी सूची आने में एक से दो दिन लग सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में गठबंधन की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहती है। इसके चलते गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ सीट आवंटन को लेकर फार्मूले पर शुक्रवार को अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है।
सीटों को लेकर फंस रहा आप-कांग्रेस में पेंच
हरियाणा कांग्रेस कमेटी प्रदेश में किसी भी दल के साथ गठबंधन से इन्कार कर चुकी है। हालांकि लोकसभा चुनाव आप के साथ इंडिया गठबंधन के तहत मिलकर लड़ा था। आप उसी फार्मूले के तहत विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन चाह रही है और 10 सीटें मांग रही है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान 5 से 7 सीटें देने को तैयार है। इसके अलावा सपा भी हरियाणा में अपनी सियासी जमीन तलाश रही है और वह भी पांच सीटें मांग रही है।