जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में बेहद करीब आकर मेडल से चूकने वाली भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट अब खिलाड़ी से राजनेता बन गई हैं। उन्होंने रेलवे की अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस पार्टा का दामन थाम लिया है। विनेश ने ये फैसला हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लिया है।
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। कांग्रेस में शामिल होने से पहले विनेश फोगाट ने अपने भारतीय रेलवे में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विनेश और पूनिया के साथ तस्वीर शेयर कर कहा, ”चक दे इंडिया, चक दे हरियाणा! दुनिया में भारत का नाम रौशन करने वाले हमारे प्रतिभाशाली चैंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया से 10 राजाजी मार्ग पर मुलाकात। हमें आप दोनों पर गर्व है।”
इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा, ”आज कांग्रेस पार्टी में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शामिल हुए हैं। इन्होंने अपनी प्रतिभा से पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है। मैं आप दोनों का हरियाणा कांग्रेस कमेटी की तरफ से हार्दिक स्वागत करता हूं।” पिछले काफी वक्त से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी।
मैट पर छाईं
विनेश उस परिवार से आती हैं जिस पर मशहूर बॉलीवुड अभिनेता दंगल नाम की फिल्म बना चुके हैं। उनके ताऊ महावीर फोगाट को पूरा देश जानता है। उनकी बहनें-गीता और बबीता भी मशहूर पहलवान रही हैं। अपने शुरुआती करियर में विनेश इन दोनों की छांव में रहीं। इंटरनेशनल स्टेज पर विनेश को सबसे बड़ी सफलता साल 2013 में मिली जब उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। अगले साल यानी 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ और इंचियोन एशियाई खेलों में विनेश ने गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीता।
रियो में हुई दुर्घटना
यहीं प्रदर्शन था जिसने विनेश को रियो ओलंपिक-2016 में मजबूत खिलाड़ी के तौर पर पहुंचाया था, लेकिन यहां उनकी किस्मत उन्हें धोखा दे गई। विनेश का पैर मैच के दौरान बुरी तरह से मुड़ गया और वह चोटिल हो गईं। विनेश महीनों तक मैट से दूर रहीं। एशियाई चैंपियनशिप में विनेश ने सिल्वर मेडल जीतकर वापसी की। 2018 में विनेश गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और जकार्ता एशियाई खेलों में भी गोल्ड जीतने में सफल रहीं।
2019 में विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में मेडल जीत इतिहास रच दिया। नूर-सुल्तान में विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया।
टोक्यो में मिली निराशा
टोक्यो में विनेश से फिर मेडल की उम्मीद जगी, लेकिन इस बार विनेश ने निराश किया। वह क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गईं। ये विनेश के लिए बहुत बड़ा धक्का था। विनेश इससे टूट गई थीं, लेकिन इस पहलवान ने अपने आप को संभाला और मैट पर वापसी की। विनेश ने 2022 में विश्व चैंपियनशिप में फिर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
सड़कों पर उतरीं विनेश
मैट पर अपने दांव-पेच से विरोधी को चित करने वाली विनेश के लिए साल 2023 बेहद दर्द और संघर्ष भरा रहा। साल की शुरुआत में वह बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के साथ सड़कों पर उतर आईं थीं। दिल्ली की हाड़ कांपा देने वाली सर्दी में विनेश ने अपने साथियों के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हमला बोल दिया। इन सभी का आरोप था कि बृजभूषण ने महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है।
इस दौरान विनेश को सड़कों पर घसीटा गया। उन्हें पुलिस की गिरफ्त में लिया गया। विनेश रोईं, चिल्लाईं उनकी आवाज सत्ता तक नहीं पहुंची। विनेश ने हार नहीं मानी। विनेश और उनके साथियों ने अपने मेडल तक लौटा दिए। नतीजा ये रहा कि बृजभूषण को अपना पद छोड़ना पड़ा। यहां लगा इन लोगों की जीत हो गई है, लेकिन डब्ल्यूएफआई में हुई संजय सिंह की एंट्री जो बृजभूषण के खास माने जाते हैं। विनेश फिर उठ खड़ी हुईं। शेरनी की तरह दहाड़ने। हालांकि, नतीजा कुछ नहीं निकला।
मैट पर दिया जवाब
विनेश के अंदर आग थी। आग सुनवाई न होने, आग इंसाफ न मिलने की। इस आग को उन्होंने पेरिस ओलंपिक में निकाला और 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। विनेश का कम से कम सिल्वर मेडल पक्का था। हालांकि, वह गोल्ड की दावेदार थीं। सब कुछ ठीक था। फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश का मैट पर जो जश्न था, जो रोना था वो उनका दर्द बयां कर रहा था। उन्होंने अपने विरोधियों को जवाब दे दिया था। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। फाइनल मुकाबले की सुबह हुए वजन में विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला।
विनेश डिस्क्वालिफाई हो चुकी थीं। पूरे देश को धक्का लगा था। मेडल के पास आकर विनेश चूक गई थीं। इसके बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला किया। विनेश ने फैसले के खिलाफ अपील की। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
भारत में हुआ स्वागत
विनेश ने जब भारत में कदम रखा तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान एयरपोर्ट पर लेने उन्हें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे थे। तभी से ये माना जाने लगा था कि बजरंग और विनेश कांग्रेस के साथ जाएंगे और आखिरकार ऐसा हो गया।
पदक चूकने पर संन्यास, कांग्रेस नेताओं ने किया था शानदार स्वागत
विनेश ने पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल में पहुंचने में सफल रही थीं। विनेश पहली भारतीय महिला पहलवान थीं जो ओलंपिक फाइनल तक पहुंचीं। ओलंपिक में महिला कुश्ती 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल मुकाबले से पहले पहलवान विनेश फोगाट को तगड़ा झटका लगा। उन्हें अधिक वजन के कारण फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया। इससे एक दिन पहले उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से हराया था।
इसके बाद पहलवान विनेश ने खेल पंचाट (सीएएस) में इस फैसले को चुनौती दी। उन्होंने अपनी याचिका में ओलंपिक का रजत पदक संयुक्त रूप से देने की अपील की। उधर विनेश के पदक चूकने के बाद देश में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। कई विपक्षी नेताओं ने फैसले के पीछे साजिश का शक जाहिर किया।
सबको चौंकाते हुए पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास का एलान कर दिया। उन्होंने समर्थन करने के लिए सबका आभार प्रकट करते हुए कहा कि वे सबकी ऋणी रहेंगी। उन्होंने भावुक सोशल मीडिया पोस्ट में मां को याद करते हुए लिखा कि उनकी हिम्मत टूट चुकी है। विनेश ने खेल पंचाट के फैसले से पहले ही विनेश फोगाट ने संन्यास का एलान करते हुए अपने प्रशंसकों को चौंका दिया।
ओलंपिक खेलों के फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ विनेश फोगाट की अपील को खेल पंचाट ने खारिज कर दिया। इससे पहले सीएएस ने कई बार अपने फैसले की तारीख बदली।
विनेश के देश वापस लौटने पर दिल्ली में उनका भव्य स्वागत किया गया। कांग्रेस नेता और रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा और अन्य पार्टी नेताओं ने आईजीआई एयरपोर्ट पर पहलवान विनेश फोगट का स्वागत किया। दीपेंद्र और कांग्रेस ने दिल्ली में बजरंग पूनिया और कई अन्य पहलवानों की मौजूदगी में पहलवान विनेश के लिए एक विशाल रोड शो भी आयोजित किया।
पहलवान विनेश फोगट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नई दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। इससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि ओलंपियन पहलवान कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकती हैं और विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। भले ही विनेश ने कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि जो कोई भी कांग्रेस में शामिल होता है, हम उनका स्वागत करते हैं।
पहलवान विनेश किसानों के आंदोलन में शामिल हुईं। विनेश पंजाब के शंभू गांव में एमएसपी पर उनकी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी सहित उनकी लंबे समय से लंबित मांगों के समर्थन में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों ने सम्मानित भी किया। यहां जब पहलवान से राजनीति में आने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती हैं।
पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। राहुल से मिलने के बाद बजरंग व विनेश ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर विनेश और बजरंग की राहुल से मुलाकात की तस्वीर भी पोस्ट की। इस मुलकात के बाद से विनेश और बजरंग के कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें और तेज हो गई।