जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : यूं तो आम आदमी पार्टी का हरियाणा में बहुत बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड नहीं रहा है। लेकिन, अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद कई सीटों पर ‘आप’ कांग्रेस के लिए खतरा भी बन सकती है। हरियाणा में लोकसभा चुनावों में बीजेपी से 5 सीटें झटकने की वजह से कांग्रेस बहुत उत्साहित दिख रही है। इसलिए, पार्टी के प्रदेश के नेताओं ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को ज्यादा भाव भी नहीं दिया। एक वजह ये भी रही कि 2019 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ जिन 46 सीटों पर लड़ी थी, वहां उसका वोट शेयर नोटा से भी कम रहा था। लोकसभा चुनावों में आप को 4 सीटों पर मिली थी बढ़त दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी कांग्रेस से 9 से 10 सीटें लेने पर इसीलिए अड़ी हुई थी, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र में भले ही वह चुनाव हार गई, लेकिन चार विधानसभा क्षेत्रों- कलायत, पेहोवा, गुहला और शाहाबाद में उसे बढ़त मिली है। आप को नजरअंदाज करना न पड़ जाए भारी राजनीति के जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह सिर्फ बीजेपी-विरोधी वोट में ही सेंध नहीं लगा सकती है, बल्कि कांग्रेस के आधार वोटों को भी प्रभावित कर सकती है। कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने भी कहा है कि आप सिर्फ वहीं चुनाव लड़ती है, जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है या वह सत्ता में है।
आम आदमी पार्टी वहीं आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा का दावा है कि कांग्रेस और भाजपा उसे हरियाणा में नजरअंदाज करने की कोशिश न करे। उनके मुताबिक, ‘पिछला 6 महीना दिल्ली के लोगों और आम आम आदमी पार्टी के लिए बहुत भारी रहा। अरविंद केजरीवाल हरियाणा में चुनाव अभियान की अगुवाई करेंगे, जहां जनता विकल्प के तलाश में है, क्योंकि वे परंपरागत राजनीतिक दलों से थक चुकी है।’ हरियाणा चुनाव के लिए केजरीवाल का कुनबा हुआ सक्रिय संभावना है कि दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद केजरीवाल हरियाणा पर पूरा जोर लगाने वाले हैं। वे अक्सर खुद को ‘हरियाणा का बेटा’ बताते हैं। वह मूलरूप से भिवानी जिले के सिवानी गांव के रहने वाले हैं। हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की पत्नी भी सक्रिय हो चुकी हैं। हरियाणा के 34 सीटों पर कांग्रेस को आप की वजह से मिल सकती है चुनौती अगर आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में जोरदार प्रचार अभियान चलाया तो राज्य के 9 जिले ऐसे हैं, जहां यह कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। इन जिलों में सोनीपत, गुरुग्राम, अंबाला, पंचकूला, जींद, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और सिरसा शामिल हैं। ये इलाके पंजाब और दिल्ली से जुड़े हुए हैं, जहां आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं। इस भी पढ़ें- 20 सितंबर से हरियाणा के चुनावी दंगल में प्रचार करने उतरेंगे केजरीवाल इस भी पढ़ें- 20 सितंबर से हरियाणा के चुनावी दंगल में प्रचार करने उतरेंगे केजरीवाल इनमें बाद के सात जिलों की सीमाएं पंजाब से लगती हैं और इनमें सिखों की भी बहुत बड़ी आबादी है। इस तरह से इन जिलों में कुल 34 विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां आम आदमी पार्टी के प्रभाव को मौजूदा परिस्थितियों में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।