जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली । एक नवीनतम घटनाक्रम में, एनबीसीसी गोवा में लगभग 10,000 करोड़ रुपये मूल्य वाले प्रमुख विकास/पुनर्विकास कार्य को क्रियान्वित करने जा रही है । इन परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। पहले चरण में, एनबीसीसी द्वारा गोवा में 6 परियोजनाओं का निष्पादन शुरु किया जाना है, जिनका अनुमानित मूल्य 1,700 करोड़ रुपये से अधिक है। यह पहल संधारणीय विकास और अवसंरचना संवर्धन के प्रति एनबीसीसी की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो भारत के शहरी विकास परिदृश्य में निगम की महत्वपूर्ण भूमिका को सुदृढ़ करता है।
एक अनूठे स्व- संधारणीय मॉडल के तहत, इन परियोजनाओं को गोवा सरकार से किसी भी बजटीय सहायता के बिना विकसित किया जाएगा, जो एक दूरगामी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है जो नवोन्मेष और राजस्व सृजन को प्राथमिकता देता है। हालांकि, यदि आवश्यक हो, गोवा सरकार, एनबीसीसी को भूखंडों को गिरवी रखकर प्रारंभिक व्यय को पूरा करने के लिए वित्तीय संस्थाओं/बैंकों से ऋण जुटाने के लिए अधिकृत करेगी, जिसका पुनर्भुगतान मुद्रीकरण राजस्व से किया जाएगा। इस सहयोग का उद्देश्य रिक्त और कम उपयोग की जाने वाली भूमि, सहित जीर्ण-शीर्ण इमारतों का पुनरुद्धार करना है, जिससे परिसंपत्ति का इष्टतम उपयोग हो सके और गोवा सरकार के लिए प्रतिलाभ अधिकतम हो सके।
इससे पहले, एनबीसीसी ने गोवा में विभिन्न विकास/पुनर्विकास कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए गोवा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। समझौता ज्ञापन के तहत ऐसे कार्यों को चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
प्रथम चरण में शुरू की जाने वाली परियोजनाओं का संक्षिप्त विवरण:
सैद्धांतिक अनुमोदन के अनुसार, एनबीसीसी गोवा में 6 परियोजनाओं को निष्पादित करेगा, जिनमें जुंटा हाउस, 18 जून रोड, पणजी में वाणिज्यिक (खुदरा और कार्यालय/होटल) स्थान, सरकारी गैरेज, एमजी रोड, पणजी में वाणिज्यिक (खुदरा और कार्यालय/होटल) स्थान, पोरवोरिम में प्रशासनिक भवन, अल्टिन्हो, पणजी में सर्किट हाउस और होटल, सेंट इनेज़ में सरकारी क्वार्टरों के लिए वाणिज्यिक और रिहायशी स्थान और तिस्वाड़ी पट्टो में मिनी कन्वेंशन सेंटर के लिए वाणिज्यिक (खुदरा और कार्यालय/होटल) स्थान शामिल हैं। इन 6 परियोजनाओं का कुल भूखंड क्षेत्रफल लगभग 53,000 वर्ग मीटर तथा निर्मित क्षेत्रफल लगभग 1,85,000 वर्ग मीटर होगा । इन परियोजनाओं से 1,700 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व सृजन होने की उम्मीद है। उपर्युक्त परियोजनाओं के अतिरिक्त, एनबीसीसी वास्को बस स्टैंड के पुनर्विकास के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और निष्कर्ष निकालने के लिए भी जिम्मेदार होगा।
गोवा सरकार परियोजना व्यय पूरा करने के बाद उपर्युक्त परियोजनाओं में निर्मित क्षेत्रफल का एक हिस्सा अपने पास भी रखेगी। एनबीसीसी अन्य किसी विकास कार्य के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता (पीएमसी) के रूप में भी कार्य करेगा, जिनमें गोवा सरकार वित्त पोषण प्रदान कर रही है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य अथवा समय-समय पर उचित समझे जाने वाले अन्य कोई भी कार्य।
एनबीसीसी पुनर्विकास कार्य में अग्रणी है और देश के विभिन्न भागों में रिक्त/कम उपयोग किए जा रहे/अप्रयुक्त भूखंडों और कॉलोनियों पर विभिन्न परियोजनाओं का निष्पादन कर रहा है। नई दिल्ली में, एनबीसीसी ने न्यू मोती बाग और पूर्वी किदवई नगर का सफलतापूर्वक पुनर्विकास किया है। कंपनी वर्तमान में 7 जीपीआरए कॉलोनियों के पुनर्विकास के एक भाग के रूप में नौरोजी नगर, सरोजिनी नगर और नेताजी नगर का पुनर्विकास कर रही है। इस परियोजना की विशिष्टता यह है कि यह स्व-संधारणीय आधार पर है और इसमें सरकारी राजकोष की ओर से कोई देनदारी नहीं है। एनबीसीसी यह स्व-संधारणीय आधार पर अपने पुनर्विकास/विकास मॉडल के तहत देश के अन्य भागों में भी तीव्र गति से अपना विस्तार कर रहा है तथा हाल ही में उसे श्रीनगर में 15,000 करोड़ रुपये तथा कोच्चि में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के कार्य अर्जित किए हैं।