जनजीवन ब्यूरो/नई दिल्ली : अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने सुलभ परिसर का दौरा किया और सुलभ स्कूल में बच्चों के साथ काफी समय बिताया।
वंचित समाज के बच्चों को सशक्त बनाने में सुलभ और बोइंग के बीच प्रभावशाली सहयोग से चल रहे कार्यक्रमों से प्रतिनिधि मंडल को अबगत कराया गया। । प्रतिनिधि दल ने छात्रो के शैक्षिक उन्नति और सामुदायिक विकास पर विशेष जोर दिया।
प्रतिनिधिमंडल में सुश्री नैन्सी इज़ो जैक्सन, उप सहायक सचिव, अमेरिकी सरकार, श्री सलिल गुप्ते, अध्यक्ष, बोइंग इंडिया और दक्षिण एशिया, श्री फिलिप एम कमिंग्स, उप मंत्री परामर्शदाता – आर्थिक अनुभाग, अमेरिकी दूतावास, श्रीमती प्रवीणा यज्ञमभट, चीफ ऑफ स्टाफ और बीजीई लीड बोइंग इंडिया और दक्षिण एशिया शामिल थे।
सुश्री नैन्सी जैक्सन ने बोइंग द्वारा समर्थित सुलभ की पहल की प्रशंसा की और वंचित बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों के लिए शिक्षा में सुधार के लिए अमेरिकी सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
बोइंग इंडिया और साउथ एशिया के अध्यक्ष श्री सलिल गुप्ते ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें भारत के भविष्य में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्रीमती प्रवीणा यज्ञमभट ने सुलभ के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक को याद किया और स्वच्छता के माध्यम से जीवन को बेहतर बनाने में उनके योगदान की चर्चा किया। उन्होंने बोइंग के “सुकन्या” कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी साझा की, जिसका उद्देश्य युवा बच्चों को “स्टेम” रुचि दिलाना है। सुलभ स्कूल को समर्थन देने के अलावा, स्कूल में बोइंग सीएसआर पहलों में लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन द्वारा स्थापित “स्टेम”लैब और रूम टू रीड द्वारा स्थापित लाइब्रेरी शामिल हैं।
सुलभ इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट श्री कुमार दिलीप ने अपने भाषण में कहा कि “बोइंग और सुलभ के बीच साझेदारी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने, सम्मान और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाने के लिए हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता पर आधारित है,” । “50 से अधिक वर्षों से, सुलभ मानवाधिकारों और स्वच्छता में निहित सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित है। आज, हम अपने संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का नमन करते हैं, जिनके दूरदर्शी नेतृत्व ने सुलभ को दुनिया के सबसे बड़े स्वच्छता आंदोलनों में से एक में बदल दिया, जो सभी के लिए सम्मान और समानता की वकालत करता है।
श्री कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सुलभ पब्लिक स्कूल की स्थापना 1992 में हाशिए के समुदायों के बच्चों को मुफ्त और अब सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा, “बोइंग के अमूल्य समर्थन के लिए धन्यवाद, हम वंचित समुदायों के लिए शैक्षिक अंतर को पाटने में मदद कर रहे हैं और भारत के सार्वभौमिक शिक्षा के लक्ष्य का समर्थन कर रहे हैं।”