जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली / ग्रेटर नोएडा ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गया है। नोएडा एयरपोर्ट के लिए सोमवार को बड़ा दिन रहा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली फ्लाइट सफल तरीके से लैंडिंग कराई गई। इंडिगो के विमान को जेवर एयरपोर्ट के रनवे पर उतारा गया। दोपहर 1.31 बजे पहली बार विमान ने सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। दिल्ली से उड़ान भरकर पहला व्यावसायिक 10 मिनट में नोएडा एयरपोर्ट के फ्लाइंग जोन में पहुंच गया था और उपकरणों सहित अन्य संसाधनों की जांच के लिए डेढ़ घंटे तक एयरपोर्ट के आसपास मंडराता रहा।
इस सफल लैंडिंग के साथ ही एयरपोर्ट के इतिहास में ढाई दशक की कवायद के बाद एक और सफलता जुड़ गई। फिलहाल, इस बड़ी उपलब्धि से पहले रनवे को वाटर कैनन से सलामी दी गई। इंडिगो के ए 320 विमान ने रनवे पर सफल लैंडिंग के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे के ट्रायल के लिए डीजीसीए से 15 दिसंबर तक की समयसीमा तय की गई है। पहले 30 नवंबर को ट्रायल रन की तारीख नियत की गई थी। मगर, डीजीसीए टीम के निरीक्षण के चलते यह आगे बढ़ गई। कैलिब्रेशन ट्रायल के बाद रनवे का ट्रायल 9 दिसंबर को हुआ।
अबतक एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्तूबर तक जांच की जा चुकी है।
घने कोहरे और अंधेरे में भी होगी आसान लैडिंग
एयरपोर्ट पर 3900 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा पहला रनवे बनकर पूरी तरह से तैयार है। रनवे पर मार्किंग और लाइटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं।
एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है। नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में तैयार हो रहा है, इसकी यात्री क्षमता प्रति वर्ष 1.2 करोड़ होगी। लेकिन चार चरणों में इसका विस्तार किया जाएगा। 2050 तक एयरपोर्ट पूरी तरह संचालित होने पर हर साल सात करोड़ यात्रियों की आवाजाही क्षमता को पूरा करेगा।
15 दिसंबर तक चलेगी ट्रायल की प्रक्रिया
नाइल के अफसरों के मुताबिक एयरपोर्ट पर विमान उड़ाने का ट्रायल सोमवार यानी 9 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद एयरपोर्ट से कमर्शियल सेवा शुरू करने के लिए डीजीसीए में एरोड्रम के लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा।
17 अप्रैल 2025 से कमर्शियल उड़ानें होंगी शुरू
माना जा रहा है कि अगर ट्रायल रन वक्त रहते होगा तो नोएडा एयरपोर्ट पर 17 अप्रैल 2025 से व्यावसायिक विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी। एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्टूबर तक जांच की जा चुकी है। एयरपोर्ट पर अप्रैल में शुरुआत से साठ घरेलू विमान सेवा होंगी। इंडिगो, अकासा के साथ इसके लिए अनुबंध हो चुका है। घरेलू सेवा में लखनऊ, अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई, आदि प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवा होगी। ज्यूरिख, सिंगापुर और दुबई के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान के साथ दो कार्गो सेवा शुरू होगी।
टर्मिनल बिल्डिंग का काम बाकी
एयरपोर्ट में केवल टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य ही शेष है। सिविल कार्य के बाद आंतरिक साज सज्जा शुरू होगी, इसमें भी भारतीय संस्कृति की झलक होगी। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग के डिजायन में भारतीय संस्कृति को केंद्र में रखा गया है। सीढ़ियां बनारस के घाट और छत गंगा नदी की लहरों से प्रेरित हैं। प्राचीन वास्तुकला में हवेलियों से प्रेरित प्रांगण और हवादार बनाने के लिए खिडकियों को जालीदार बनाया गया है। एयरपोर्ट परिसर में यात्रियों के लिए पांच सितारा होटल का निर्माण हो रहा है।
एयरपोर्ट की उपलब्धियों पर एक नजर
– आईएलएस कैलिब्रेशन का कार्य 10 से 14 अक्तूबर तक हो चुका है।
– कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट भी यापल को प्राप्त हो चुका है।
– फ्लाइट ट्रालय का अप्रूवल डीजीसीए से प्राप्त हो चुका है।
– 9 दिसंबर को रनवे पर ट्रायल रन किया गया।
– एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन इसी माह में होगा।
– एआईपी पब्लिकेशन 6 फरवरी को होगा।
– छह फरवरी के बाद फ्लाइट के लिए टिकट बुकिंग सेवा शुरू हो जाएगी।
– 17 अप्रैल तक एयरपोर्ट से कामर्शियल फ्लाइट शुरू हो जाएगी।