जनजीवन ब्यूरो / पटना। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भरोसा दिलाया है कि जन सुराज की सरकार बनने के बाद एक साल के भीतर बिहार से पलायन की गति को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक पार्टियां बिहार में नौकरियों के झूठे सपने दिखा रही हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई राजनीतिक दल पांच लाख नौकरियों की बात कर रहा है, तो कोई 10 लाख, जबकि वास्तविकता यह है कि बिहार में सरकारी नौकरियों की संख्या सिर्फ 23 लाख है, जो बिहार की जनसंख्या के दो प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि 98 प्रतिशत लोगों के पास सरकारी नौकरी नहीं है और ना ही उनके पास इस विकल्प की कोई उम्मीद है। ऐसे में जो लोग ये कहते हैं कि सरकारी नौकरी देकर पलायन रोक देंगे, वे बिहार के लोगों को मूर्ख बना रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि दुनिया के विकसित देशों में तरक्की का रास्ता सरकारी नौकरियों से नहीं, बल्कि शिक्षा और पूंजी की उपलब्धता से बना है।
उन्होंने नॉर्वे, स्वीडन जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में लोग नौकरियों के लिए रेलवे के एग्जाम नहीं देते, बल्कि उन्हें अच्छी शिक्षा और रोजगार के लिए सुलभ पूंजी मिलती है। यही मॉडल जन सुराज भी बिहार में लागू करेगा।
अपनी योजना के बारे में बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बिहार से मजदूरों का पलायन रोकना है, तो सबसे पहले यहां से पूंजी और बुद्धिजीवियों का पलायन रोकना होगा। हमारे साथ 10 बड़े अर्थशास्त्री इस दिशा में काम कर रहे हैं और उन्होंने एक ठोस मॉडल तैयार किया है, जिससे बिहार में पलायन को रोका जा सकेगा।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने लगभग 2 साल तक पूरे बिहार में यात्रा करने के बाद इसी साल 2 अक्टूबर को जन सुराज अभियान को पार्टी का रूप दिया। उनकी पार्टी ने हाल ही में बिहार उपचुनाव में अपनी मौजूदगी भी दर्ज कराई। हालांकि, पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
दूसरी ओर, प्रशांत किशोर ने दावा किया है उनकी पार्टी अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जन सुराज अपने दम पर सरकार बनाएगी। किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।