पटना : 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के कारण बिहार को हुए नुकसान की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को सौंपे सर्वदलीय ज्ञापन में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए करीब 1,07,887 करोड रुपए की मांग की है।
नीतीश ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण में आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद उसे मिलने वाली अर्थिक सहायता की तर्ज पर बिहार की विभिन्न परियोजनाओं के लिए 1,07,887 करोड़ रुपए की मांग की है। नीतीश द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपे गए नौ पृष्ठों के ज्ञापन जिसे आज मीडिया को उपलब्ध कराया गया में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण, कृषि, पंचायती राज, नगर विकास और पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए उक्त राशि की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रतिकूल परिस्थितियों और भेदभाव के बावजूद बिहार ने हाल के वष्रो में दोहरे अंक की वृद्धि दर हासिल की है। किंतु तेजी से प्रगति करने के बावजूद भी बिहार प्रति व्यक्ति आय के न्यूनतम स्तर पर होने के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं अन्य आर्थिक सेवाओं पर प्रति व्यक्ति खर्च में भी सबसे निचले पायदान पर है। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2013-14 के आंकड़ों को लिया जाए तो वर्ष 2004-05 के स्थिर मूल्य पर बिहार की प्रति व्यक्ति आय 15,650 रुपए है जबकि राष्ट्रीय औसत 39,904 रुपए है।
बिहार की आर्थिक स्थिति की पृष्ठभूमि में यदि इस प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और विशेषकर इसकी प्रति व्यक्ति आय को एक समय सीमा में कम से कम वर्तमान राष्ट्रीय औसत तक पहुंचना है तो बिहार की वृद्धि दर पूरे देश की वृद्धि दर की औसत से कम से कम दोगुनी होनी चाहिए।